मगरलोड ब्लाक के ग्राम झाझरकेरा में सदियों पुरानी परंपरा निभाई, अच्छी फसल की कामना के साथ की पूजा
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला के झाझरकेरा में अक्षय तृतीया (अक्ति तिहार) का पर्व उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह पर्व गांव में बेहतर फसल उत्पादन और प्रकृति के प्रति आभार जताने के उद्देश्य से सालों से मनाया जा रहा है।
गांव के बुजुर्गों से चली आ रही इस परंपरा के तहत सबसे पहले गांव की शीतला माता की पूजा गांव के बैगा द्वारा की गई। इसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन के साथ गांव में स्थित ठाकुर दाई और ठाकुर देव के स्थल तक जुलूस निकाला गया।
वहां बैगा द्वारा रखी गई कोठी से धन (धान) निकाला गया और गांव के प्रमुखों द्वारा विधिवत पूजा की गई। इसके बाद उस धान को टोकरी में भरकर गांव के बैगा और पटेल द्वारा क्षेत्र में छिड़का गया। इस दौरान कुछ बच्चे हल, कुल्हाड़ी और पानी लेकर गोल-गोल घूमते हुए नेंग की रस्म निभाते नजर आए।
गाँव के प्रमुख लोग और बैगा लोग ठाकुर देव, ठाकुर दाई और प्रकृति का स्मरण करते हुए अच्छी वर्षा और भरपूर फसल की कामना करते हैं। इस अवसर पर गांव के सभी लोग अपने-अपने घर से परसा पान के दोने में धान लेकर पहुंचे और पूजा स्थल पर अर्पित किया। इसके बाद उसी धान को पुनः अपने घर लाया गया।
घर पहुंचने से पहले महिलाएं आंगन में पानी अर्पित कर आशीर्वाद लेती हैं। फिर उस धान को खेतों में ले जाकर नेंग किया जाता है। जो फसल की शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।