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मनरेगा से श्रमिकों को मिल रही आर्थिक मजबूती प्रथम तिमाही में श्रमिकों ने मनरेगा से 32 लाख 92 हजार 128 मानव दिवस अर्जित किये


 


 गरियाबंद / महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ंजिला मे श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे है। वहीं उनके जीवन स्तर में बदलाव भी आ रहा है। जिले में कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार श्रमिक मूलक कार्यो की स्वीकृति प्रदाय की गई है। जिससे वित्तीय वर्ष 2024-25 में 30 जून 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कार्यो से श्रमिकों द्वारा 32 लाख 92 हजार 128 मानव दिवस सृजन किया गया। जिला अन्तर्गत जनपद पंचायत देवभोग में 07 लाख 84 हजार 975, मैनपुर में 07 लाख 80 हजार 623, छुरा में 06 लाख 78 हजार 593, फिंगेश्वर में 05 लाख 98 हजार 400 एवं गरियाबंद में 04 लाख 49 हजार 537 एवं मानव दिवस का सृजन किया गया। जिसमें तीन महिने में 803 परिवारों को 100 दिवस रोजगार मुहैया कराया गया है। आगामी समय में 100 दिवस रोजगार जॉब कार्डधारी परिवारो को प्रदाय करने हेतु प्राथमिकता तय की गई है। योजना में श्रमिकों की निर्भरता बढती जा रही है। मनरेगा में श्रमिक काम करते हुए नजर आ रहे हैं। जिससे हर जॉबकार्डधारी परिवार को समय पर मजदूरी भुगतान होने से आर्थिक व्यवस्था मजबूती मिली है एवं उस राशि का उपयोग कृषि कार्य में कर रहें है।

  जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी को नियमित रुप से मनरेगा के कार्यो की सतत् मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। योजना से जुडे श्रमिक प्रतिदिन तालाब गहरीकरण, नया तालाब निर्माण, डबरी निर्माण, मिट्टी सडक, नहर सफाई के कार्यों सहित अन्य मजदूरी मुलक कार्यों में मेहनत करते हुए रोजगार प्राप्त करते हुए परिसंपत्तियो का निर्माण कर की गई हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रीता यादव ने बताया कि जिले में वर्षा ऋतु के दौरान महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत निर्धारित कार्यो की जारी सूची में से उच्च कार्यालय के निर्देशानुसार किये जाने योग्य कार्यो की प्राक्कलन तैयार करने हेतु तकनीकी सहायकों को निर्देशित किया गया है। ताकि वर्षा ऋतु में जरूरतमंद परिवारों को नरेगा अंतर्गत मांग के आधार पर पर्याप्त मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराया जा सके व वर्षा ऋतु में भी संचालित हो सकें तथा जिनका मापन करना वर्षा ऋतु में संभव नहीं है। उन्हें किसी भी स्थिति में संचालित नहीं किये जायेंगे। विगत वर्षो के ऐसे अपूर्ण कार्य हैं जिन्हें वर्षा ऋतु में कराया जाना संभव है, तो उन्हें प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश जनपद पंचायतों के सीईओ को दिए। कार्य के दौरान यह भी सुनिश्चित करने कहा गया कि, कार्य जो वर्षा ऋतु के दौरान श्रमिकों के मांग के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, खाद्यान्न भंडारण भवन का निर्माण, बकरी शेड निर्माण, मुर्गी शेड निर्माण, पशु शेड निर्माण, सुअर शेड निर्माण, नाडेप कंपोस्ट सरंचना का निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट संरचना का निर्माण मुक्तिधाम निर्माण, नर्सरी तैयार करना, वृक्षारोपण ब्लॉक, सड़क किनारे मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराकर स्थायी परिसंपत्ति का सृजन कर सकें।

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