राजिम। ब्रह्मलीन संत कवि पवन दीवान की आज नवमी पुण्यतिथि पर राजिम स्थित उनके ब्रह्मचर्य आश्रम में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस कार्यक्रम के तहत ब्रह्मचर्य आश्रम के ब्रह्मचारी बटुकों द्वारा उनकी आत्मा शांति हेतु यज्ञ हवन आदि अनुष्ठान किया गया। तत्पश्चात भजन गीत का आयोजन किया गया, जिसमें महंत रामसुंदर दास, समिति के अध्यक्ष संतोष उपाध्याय, अर्जुन नयन तिवारी, अरुण शर्मा, अरुण दीवान, अनिल तिवारी, कृष्ण कुमार शर्मा, केके पुराणिक, युवराज शर्मा सहित राजिम के अनेक नगरवासी एवं उनके शिष्य उपस्थित थे।
पुण्यतिथि कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने पहुंचे महंत रामसुंदर दास ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमें राजिम जैसे तीर्थ और पवन दीवान के तपोभूमि में उपस्थित होने का अवसर प्राप्त हुआ। पवन दीवान ने संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए इस संस्था को स्थापित कर पूरे समर्पित भाव से छत्तीसगढ़ की सेवा की। वे विधायक, मंत्री और सांसद भी बने। तमाम पदों में रहने के बाद भी उनकी छत्तीसगढ़ी भावना से ओत-प्रोत निश्चल हंसी उनके परिचय का पर्याय थी। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। भागवताचार्य होने के साथ ही साथ वे एक अच्छे कवि भी थे। उनकी स्मृतियों को सहेज कर रखने का प्रयास किया जाएगा। उनके द्वारा बनाए गये इस संस्थान में बटुकों को निशुल्क भोजन, शिक्षा, कर्तव्य किया था, उसे समिति पूरी तन्मयता के साथ करते हुए आगे बढ़ाएगी। मेरी भावभरी श्रद्धांजलि उनके प्रति समर्पित है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।