64 हजार 547 प्रकरणों का हुआ निपटारा
कुल 54 लाख 56 हजार 29 रूपये का एवार्ड पारित
गरियाबंद / राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर बलराम प्रसाद वर्मा जी के निर्देशन पर जिला एवं अपर सत्र न्यायालय गरियाबंद में संचालित न्यायालयों, किशोर न्याय बोर्ड गरियाबंद तथा राजिम व देवभोग के व्यवहार न्यायालयों एवं राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों में 10 मई 2025 शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत हेतु तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा 04 खण्डपीठों का गठन किया गया था। नेशनल लोक अदालत में कुल 64 हजार 547 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 54 लाख 56 हजार 29 रूपये का एवार्ड पारित किया गया है।
तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष श्री यशवंत वासनीकर ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश गरियाबंद बी आर साहू की गठित खण्डपीठ में कुल 53 लंबित एवं 1650 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 01 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों का निराकरण करते हुए 14 लाख रूपये का एवार्ड पारित किया गया वही 89 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए 6 लाख 75 हजार 278 रूपये का एवार्ड पारित किया गया, इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 90 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 20 लाख 75 हजार 278 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायधीश वरिष्ठ श्रेणी गरियाबंद श्रीमती अनिता ध्रुव की गठित खण्डपीठ में 294 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 04 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 50 पचास हजार रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 176 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 117 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 26 लाख 46 हजार 600 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 470 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 26 लाख 96 हजार 600 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। श्री प्रशान्त कुमार देवांगन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय व्यवहार न्यायधीश वरिष्ठ श्रेणी गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में 286 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 07 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 81 हजार 531 रूपये का एवार्ड पारित किया गया समरी मामले सहित 23 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 08 लंबित मामलों का निराकरण किया गया। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 15 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 81 हजार 531 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। श्री प्रशान्त कुमार देवांगन प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्यायालय गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में राजीनामा योग्य लंबित 11 प्रकरण रखे गये थे तथा श्रीमती कांची अग्रवाल न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देवभोग की गठित खण्डपीठ में 432 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 05 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 27 हजार 200 रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 413 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 413 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 1 लाख 48 हजार 200 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 418 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 1 लाख 75 हजार 400 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार श्री सचिन पॉल टोप्पो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी राजिम की गठित खण्डपीठ में 1709 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 38 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 4 लाख 27 हजार 220 रूपये का एवार्ड पारित किया गया समरी मामले सहित 713 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 434 लंबित मामलों का निराकरण किया गया। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 472 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 4 लाख 27 हजार 220 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों में कुल 63 हजार 82 प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
तालुका अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष बलराम प्रसाद वर्मा एवं सचिव रमेश चौहान के द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला एवं अपर सत्र न्यायालय गरियाबंद के परिसर में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाये गये, उद्यानिकी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं फुलदार पौधों एवं वृक्षों का वितरण किया गया, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोक अदालत में आये गये पक्षकारों, अधिवक्ताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जन सामान्य का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का सराहनीय योगदान रहा।