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*उद्यानिकी फसलों, मछलीपालन, पशुपालन के लिए भी अधिक से अधिक ऋण प्रकरण स्वीकृत करें बैंक*

*समीक्षा बैठक में कलेक्टर  मिश्रा के निर्देश*

*बीज उत्पादन के लिए गांवों-किसानों का चयन करने को भी कहा*

धमतरी / आज कलेक्टर  अबिनाश मिश्रा ने कृषि और उसके सहयोगी विभागों की जिले में चल रही योजनाओं और कार्यक्रमों की उपलब्धियों की गहन समीक्षा की। उन्होंने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अधिकारियों सहित अन्य निजी और शासकीय बैंकों के अधिकारियों को भी जिले के किसानों के लिए उद्यानिकी फसलों, मछलीपालन तथा पशुपालन से जुड़े ऋण प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में स्वीकृत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने ऐसे प्रकरणों को बिना किसी उचित कारण के अस्वीकृत करने पर संबंधित बैंक अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी। उन्होंने बैठक में उपस्थित बैंक अधिकारियों को प्रकरण प्राप्त होने पर विस्तृत सर्वे और मौका मुआयना करने के लिए संबंधित विभाग के मैदानी अमले को भी सूचित करने को कहा। कलेक्टर ने मछलीपालन, उद्यानिकी और पशुपालन से संबंधित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी बनाने के निर्देश दिए। जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती रोमा श्रीवास्तव की मौजूदगी में हुई इस बैठक में कलेक्टर ने कहा कि धान या अन्य फसलों की खेती के साथ-साथ किसानों को स्वरोजगार से जोड़कर अधिक लाभ पहुंचाने के लिए मछलीपालन, उद्यानिकी फसलों की खेती या पशुपालन एक अच्छा माध्यम है और इससे किसानों को पूरे साल आमदनी हो सकती है। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए किसानों से अधिक से अधिक प्रेरित करने के भी निर्देश दिए। श्री मिश्रा ने सभी अधिकारियों को इन विभागों की योजनाओं को अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने, किसानों को इसकी जानकारी देने और पात्र किसानों के प्रकरण बनाकर उन्हें स्वीकृत कराने में भी मदद करने के निर्देश दिए। 

 आज की बैठक में कलेक्टर ने दुग्ध उत्पादन के बारे में जिले की संभावनाओं पर भी समीक्षा की। उन्होंने जल्द से जल्द दुग्ध उत्पादक-संग्राहक समितियों का गठन करने और उन्हें कार्यशील करने पर जोर दिया। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अभी कार्यशील लगभग 70 समितियों से 8 हजार लीटर दूध प्रतिदिन संग्रहित किया जा रहा है। कलेक्टर ने इसमें तेजी लाते हुए अगले 15 दिनों में इसे लगभग 10 हजार लीटर प्रतिदिन तक करने का लक्ष्य विभाग के अधिकारियों को दिया। उन्होंने आगामी खरीफ मौसम के लिए जिले में खाद-बीज भण्डारण और उठाव की जानकारी भी अधिकारियों से ली। कलेक्टर ने पर्याप्त मात्रा में बीज-खाद का भण्डारण समय-समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।


 *बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए बनेगी योजना, महिला किसानों को जोड़ा जाएगा :* 

 बैठक में कलेक्टर ने आगामी खरीफ मौसम के दौरान जिले में बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए भी विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने पिछले दस सालों से लगातार लगाई जा रही फसलों के बीजों को दूसरी नई किस्मों से प्रतिस्थापित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा। कलेक्टर ने बीज उत्पादन कार्यक्रम से महिला कृषकों के साथ-साथ अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी बताया कि बीज उत्पादन कार्यक्रम में किसानों की सहभागिता बढ़ाने के लिए राज्य शासन द्वारा नई योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों और किसी भी वर्ग की महिला किसानों को बीज उत्पादन के लिए पंजीयन शुल्क में छूट दी गई है। ऐसे किसानों की पंजीयन राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। कलेक्टर ने बीज उत्पादन के लिए एक ही गांव में अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के भी निर्देश दिए, ताकि बीज उत्पादन के लिए प्रशिक्षण, खेतों की मॉनिटरिंग के साथ-साथ उत्पादित बीज के उपार्जन में भी आसानी हो।

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