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*प्रदेश का पहला खुशहाल और समृद्धशाली गांव धमतरी जिले का करेली छोटी*


*मॉडर्न गांव के तौर पर उभर रहा*

 *ग्राम समिति द्वारा अब तक एक करोड़ रुपए के काम कराए जा चुके है* 

**आने वाले समय में छोटी करेली को सम्मान के लिए नामांकित किया जाएगा*

धमतरी /भारत को गांवों का देश कहा जाता है, क्योंकि अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। देश की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में गांवों का योगदान रहता है। ऐसा ही प्रदेश का पहला खुशहाल और समृद्धशाली गांव धमतरी जिले के मगरलोड विकासखंड का छोटी करेली गांव है। इस गांव की खासियत है यह भिलाई शहर की तर्ज पर सेक्टरो में बसा हुआ है, जिसमे ड्रेनेज सिस्टम,चौड़ी सड़क ,पानी बिजली की व्यवस्था है। यह सब सम्भव हुआ है गांव के मालगुजार दाऊ पवन कल्याण के दूरदर्शी सोच के कारण।    


        महानदी के तट में बसा ये गांव हर साल बरसात में बाढ़ की जद में आकर डूब जाता था, जिससे ग्रामीणों को घर से बेघर होना पड़ता था। दाऊ ने 1952 में गांव को सुरक्षित जगह बसाने की सोची और निर्णय लिया। गांव के नजदीक 36 एकड़ प्लाट को चिन्हांकित कर 1953 में राजधानी भोपाल से इंजीनियर बुलाया गया और गांव का मास्टर प्लान बनाकर गांव में स्कूल ,खेल मैदान, मंदिर ,श्मशान घाट ,राशन दुकान ,सार्वजनिक स्थल निर्माण के 40 -40 फीट चौड़ी सड़क, 20 फीट की नाली, ड्रेनेज सिस्टम नाली के लिए जगह छोड़ी गई और जिस परिवार में जितने बेटे उतने प्लाट आबंटित किया गया। 

भविष्य में किसी का मुंह ना ताकना पड़े इसके लिए एक समिति बनाई गई, जिसमें ग्रामीण पैसा जमा करते है। वर्ष 1952 में बनाई गई नीति नियम आज 70 साल बाद भी बखूबी से निभाया जा रहा है। आज भी गाव में सड़क बीजली स्कूल ,जैसे मूलभूत सुविधाएं के लिए समिति खर्च उठाता है । अब तक करीब एक करोड़ से अधिक के विकास कार्य गांव के समिति के द्वारा करवाया जा चुका है। वही आज भी गांव के समिति में 30 लाख से अधिक जमा है। गांव में किसी ग़रीब परिवार के घर अंतिम संस्कार के लिए कफ़न से लेकर अंतिम संस्कार का खर्च समिति वहन करता है। गांव में अपराध भी शून्य है विवाद कि स्थित में समिति का निर्णय अंतिम होता है यही वजह है की थाने में एक भी एफ आई आर इस गांव की नहीं है।   

        कलेक्टर  अबिनाश मिश्रा ने इस गांव में मुआयना करने की बात कही है और आने वाले समय में छोटी करेली को अवार्ड के लिए नामांकित भी किया जाएगा। इस गांव में छोटे उद्योग लगाकर रोजगार मूलक काम के किए ग्रामीण को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जा रही है।

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