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*कृषि उत्पादन आयुक्त ने किया मरौद के बीज प्रक्रिया केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण*



*उपलब्ध बीजों, बारदाना आदि की जानकारी ली*

*बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए नई वेरायटी के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश*

धमतरी, / कृषि उत्पादन आयुक्त  शहला निगार ने आज मरौद के बीज प्रक्रिया केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने बीज प्रक्रिया केन्द्र में चालू खरीफ मौसम के लिए धान, दलहन आदि बीजों की उपलब्धता की जानकारी केन्द्र प्रभारी से ली। श्रीमती निगार ने पिछले दस वर्षों से लगाई जा रही धान की किस्मों के स्थान पर नई किस्मों को प्रमोट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने धान की नई किस्मों के बीज उपलब्धता की जानकारी प्रक्रिया केन्द्र प्रभारी से ली। मरौद बीज प्रक्रिया केन्द्र में वर्तमान में एमटीयू 1010, एमटीयू 1156, महामाया, विक्रम पीसीआर, एमटीयू 1318, स्वर्णा किस्म के धान के बीज लगभग 11 सौ क्विंटल उपलब्ध हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त ने इन किस्मों के आधार बीजों को जिले में बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए उपयोग करने के निर्देश दिए। श्रीमती निगार ने कहा कि पुरानी किस्मों के स्थान पर नई किस्मों को प्रमोट करने के लिए बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत अधिक से अधिक रकबे में नई किस्मों को ही लगाया जाए, ताकि उनका बीज तैयार हो सके और उसके किसानों को उपलब्ध कराया जा सके। श्रीमती निगार ने बीज उत्पादन कार्यक्रम में गंभीरता से काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान संयुक्त संचालक श्री गयाराम, उप संचालक श्री मोनेश साहू सहित प्रक्रिया केन्द्र प्रभारी श्री दोहरे और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

 निरीक्षण के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त ने चालू खरीफ सीजन में बीज उत्पादन कार्यक्रम के लिए नई किस्मों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। एपीसी ने कहा कि एक ही तरह की फसलों को लगातार बोने से कीट व्याधि की समस्या बढ़ जाती है। साथ ही उत्पादन भी कम होता है। इसके साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती जाती है। एपीसी ने इन समस्याओं से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा नई किस्मों की खेती कराने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने को कहा। कृषि उत्पादन आयुक्त ने बीज प्रक्रिया केन्द्र में बीजों की सफाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने किसानों तक समय पर उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। श्रीमती निगार ने कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा विकसित की गई छत्तीसगढ़ के लिए उपयुक्त नई किस्मों का प्रचार-प्रसार करने, उनसे संबंधित पोस्टर-पॉम्पलेट आदि वितरित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने चालू खरीफ मौसम के लिए बीजों का समय पर उठाव सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए

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