@ राजू साहू की खास रिपोर्ट @
जिले में अवैध ईंट भट्ठों पर जिला प्रशासन नकेल कसने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। सड़क के किनारे से लेकर जंगल के अंदरूनी इलाके में तक इन भट्ठों की आग सुलग रही है। रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर प्रदेश भर में बवाल के बीच अवैध भट्ठों की आंच को अनदेखा किया जा रहा है। इन भट्ठों की आंच से शासन को लाखों का राजस्व तो झुलस रहा है, साथ ही रायल्टी जमाकर ईंट का व्यवसाय कर रहे लोगों को भी तगड़ा नुकसान हो रहा है।
तेजी से फल फूल रहे इस अवैध कारोबार में अवैध कटाई,रेत भी बड़े पैमाने पर खपाएं जा रहें हैं। लेकिन लाल ईंट के इस काले कारोबार पर नकेल कसने के लिए खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अब भी तैयार नहीं हैं।
खनिज विभाग के रिकार्ड के मुताबिक जिले में इस वक्त कुछ ईट भट्ठों का संचालन के लिए आवेदन आए हैं लेकिन अनुमति नहीं है, लेकिन विभाग के पास अवैध भट्ठों का कोई रिकार्ड नहीं है। आश्चर्य की बात है कि रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए भाग दौड़ कर रहें खनिज और राजस्व विभाग के अधिकारियों को ये ईंट के भट्ठे नजर नहीं आ रहें हैं। शहर के आसपास की बात करें तो शहर से लगे गांव के सड़क किनारों पर ईट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है। इन अवैध भट्ठों पर कार्रवाई करने में खनिज विभाग के अधिकारी तनिक भी रूचि नहीं ले रहे हैं। जानकारी मुताबिक ,दोनर, गंगरेल, मरादेव, आमदी, अरौद, मगरलोड, करेली , गाड़ाडीह, मंदरौद, सिरसीदा, परेवाडीह, कपालफोडी, नवागांव, ठेकला, , इनके अलावा और भी गांवों में अवैध रूप से ईंट का भट्ठा सजा हुआ है बावजूद इसके खनिज विभाग कुम्भकरणीय नींद में है यह समझ से प
रे है।