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*राजिम कुंभ मेला में लगी पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की प्रदर्शनी* *पर्यटन स्थलों की मिल रही जानकारी*


 

*पुरातत्वीय स्थल में खुदाई के दौरान मिली प्राचीन मूर्तियों की कलाकृतियों की हो रही बिक्री*

राजिम। राजिम कुंभ कल्प मेला में शासकीय विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों में शासन के विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों की जानकारी दी जा रही है, ताकि लोगों को प्रदेश में स्थित दर्शनीय और पर्यटन स्थलों की जानकारी मिल सके और लोग इन पर्यटन स्थलों पर पहुंचकर आनंद उठा सके। 

वहीं संस्कृति विभाग द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी में प्रदेश में की गई खुदाई से मिले अवशेषों की जानकारी दी जा रही है, जिसमें सिरपुर, ताला, मल्हार जैसे अन्य स्थानों से प्राप्त मूर्तियों की प्रदर्शनी लगाई गई है। कलात्मक पुरावशेषों की प्रतिकृतियों के माध्यम से सामान्य लागत मूल्य में उपलब्ध कराकर विविध कलाकृतियों को बिक्री के लिए रखा गया है। उत्पादित प्रतिकृतियां विभिन्न काल, कला शैली और लौकिक समृद्धि को प्रदर्शित करती है। छत्तीसगढ़ के पुरातत्वीय महत्व की दुर्लभ कलाकृतियों की प्रतिकलाकृतियां भारतीय कला का क्षेत्रिय शैलियों और विकास के क्रम का अभिन्न अंग है। यह प्रतिकृतियां संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा बिक्री हेतु उपलब्ध है। 

इस प्रदर्शनी में प्रदेश की समृद्ध शाली प्राचीन कला को प्रदर्शित किया गया है। जिसे देखकर आने वाले लोग छत्तीसगढ़ की प्राचीन समृद्धशाली कला से परिचित हो रहे हैं। लोग आचंभित हैं कि छत्तीसगढ़ प्राचीन काल में कला के क्षेत्र में इतना संपन्न और समृद्ध शाली था। स्टॉल में खुदाई में मिली गई मूर्तियों की प्रतिकलाकृति को बनाकर विभाग द्वारा विक्रय किया जा रहा है। ताकि छत्तीसगढ़ कलाशैली लोगों के घरों तक पहुंचे और लोग उस कलाकृति के माध्यम से छत्तीसगढ़ के भू-गर्भ से मिली मूर्तियों से परचित हो सके। खुदाई में मिली मूर्तियों सहित अन्य अवशेषों का पुरातत्व विभाग द्वारा अध्ययन कर उसकी संपूर्ण जानकारी एकत्र कर लोगों के लिए साहित्य के रूप में उपलब्ध करा रही है।

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