Ad Code

Responsive Advertisement

राजस्व निरीक्षकों के मूलभूत मांगों को लेकर आंदोलन


छत्तीसगढ़ राजस्व निरीक्षकों के मूलभूत मांगो के निराकरण के संबंध में

विषयांतर्गत निवेदन है कि राजस्व निरीक्षक संघ अपनी मूलभूत मांगो के लिए समय-समय पर शासन को पत्राचार करता आया है, लेकिन आज पर्यन्त संगठन की मांगें यथावत है जोकि राजस्व निरीक्षक के मांगो के प्रति शासन की अरुचि को प्रदर्शित करता है। राजस्व निरीक्षक संगठन पुनः अपनी मांगो के प्रति शासन का ध्यान आकृष्ट करता है-

1. राजस्व निरीक्षक से नायब तहसीलदार / सहायक अधीक्षक भू अभिलेख के रिक्त पदो के विरूद्ध निर्धारित समयावधि मे विभागीय पदोन्नती ।

2. राजस्व निरीक्षक से उप तहसीलदार के 50% पद विभागीय भर्ती/पदोन्नति द्वारा भरे जाएंगे।

3. शासकीय कार्यों के निर्वहन के लिए साधन-संसाधन उपलब्ध

कराना।

4. ऑनलाइन मानचित्र वांटकन अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया आई.डी. वापस किया जाना लंबित है।

5. राजस्व निरीक्षक के रिक्त पदों पर भर्ती करना ।

6. सीमांकन, बंदोबस्त त्रुटि सुधार, प्रकरणों के निष्पादन के लिए

पूर्व समयावधि को यथावत रखना।

7. सामान्य प्रशासन विभाग में संगठन के लंबित मांगो का निराकरण करना।

8. विभागीय कार्यों के संपादन के दौरान मानवीय भूल को आधार मानकरते कर न्यायालयीन कार्यवाही न हुए विभागीय जांच के आधार पर विभागीय कार्यवाही करना । एस.ए.बी.ओ.ए. संवर्ग एवं उप तहसीलदार संवर्ग के विलय के संबंध में।

9. स.अ.भू.अ.संवर्ग एवं नायब तहसीलदार संवर्ग के मर्जिग 



बिंदुवार विवरण निम्नानुसार है

पदोन्नतिः- राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार और पटवारी संवर्ग के बीच का माहत्वपूर्ण अंग है जो विभागीय कार्यों के साथ-साथ शासकीय कार्यों के संपादन में दक्ष एवं पारंगत है। रा.नि. संगठन से नायब तहसीलदार/स०अ०भू०अ० के रिक्त पदो पर वर्ष 2023-24 से पदोन्नती हेतु बांट जोह रहा है। विगत दो वर्षों मे पदोन्नती हेतु फाईल चलना एवं लक्ष्य तक न पहुंचना विभाग की असंवेदनशीलता और अनुभवी पात्र राजस्व निरीक्षकों एवं प्रशासनिक सुधारों के हितो के प्रति अरूचि को प्रदर्शित करता है। पदोन्नति की आश मे अनुभवी और योग्य राजस्व निरीक्षक सेवानिवृत हो गये । उत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन एवं जन शिकायत निवारण विभाग के ज्ञापन क्र./67/ ज.शि.नि.प्र / सा.प्र. 2002 रायपुर दिनांक 8/1/2002 एवं सेवा संघ नियम 1967 के नियम 3 के अंतर्गत पत्रों का उत्तर दिया अनिवार्य है | अतः रा.नि. से नायब तहसीलदार / स०अ०भू०अ० के रिक्त पदो पर योग्यतानुसार अविलंब पदोन्नत करने का कष्ट करेगें।

2. राजस्व निरीक्षक से नायब तहसीलदार के 50% पद को विभागीय भर्ती / पदोन्नति से करने वर्तमान मे रा.नि. से ना०तह० के रिक्त पदो पर सीधी भर्ती एवं विभागीय सीमित परीक्षा भर्ती/ पदोन्नति हेतु 60%-40% निर्धारित है जिसे संशोधित कर 50%-50% करने संगठन निवेदन करता है। इससे शासन को बगैर वित्तीय भार से योग्य एवं अनुभवी कर्मचारियों की पूर्ति हो सकेगा। 3. साधन-संसाधन की अनुपलब्धता विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु शासन द्वारा आनलाईन कार्यों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आनलाईन नक्शा बंटाकन, कृषि संगणना, फसल कटाई प्रयोग, डिजिटल काप सर्वे, जिंसवार, पूर्वानुमान, सर्वे रिसर्वे, जियो रिफ्रेंसिंग, ई गिरदावरी, नक्शा प्रोजेक्ट जैसे महत्वपूर्ण शासकीयै कार्यों के संपादन के लिये मोबाईल, कम्प्यूटर एवं नेट की


आवश्यकता होती है। उक्त कार्यों का निर्वहन राजस्व निरीक्षक द्वारा स्वयं के व्यय से किया जा रहा है। जिससे उनको आर्थिक क्षति हो


स्वयं के व्यय से किया जा रहा है। जिससे उनको आर्थिक क्षति हो रही है। गत वर्ष शासन द्वारा साधन संसाधन/नेट भत्ता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया था जो कि आज पर्यन्त अप्राप्त है। अतः शासकीय कार्यों के निष्पादन के लिए आवश्यक साधन

संसाधन उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे।


4. नक्शा बंटाकन-वर्तमान में आनलाईन नक्शा बंटाकन अनुमोदन राजस्व निरीक्षकों की सबसे बड़ी समस्या है। आफलाईन नक्शा बंटाकन किये बगैर आनलाईन नक्शा बंटाकन हेतु रा.नि. के आई डी में प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है। रा.नि. के प्रभार क्षेत्र मे औसतन 30 से 35 ग्राम आते है। उन ग्रामों के सैकड़ों नक्शा बंटाकन का अनुमोदन हेतु पीठासीन अधिकारियों द्वारा दबाव डाल कर बल पूर्वक अनुमोदन करने हेतु आदेशित किया जाता है। आफलाईन नक्शा बंटाकन एवं मौका जांच के आधार पर नक्शा बटांकन अनुमोदन किया जाना चाहिए। अधिकारियों के दबाव में बगैर आफलाईन नक्शा बंटाकन व बिना मौका निरीक्षण किये पटवारियों द्वारा रा.नि. के आई डी मे प्रेषित प्रस्ताव के आधार पर अनुमोदन किया जा रहा है। त्रुटियों पाये जाने पर राजस्व निरीक्षकों के विरूद्ध निलंबन, जेल, पदच्युति जैसे गंभीर प्रशासनीक कार्यवाही की जा रही है। जिससे राजस्व निरीक्षक संघ आहत है।


रा.नि. अपने मूल पदीय कार्यों को भूल कर अधिकारियों के दबाव में नियमावली तथा भू, रा. सं. में उल्लेखित नियमों के प्रतिकूल कार्य करने को विवश है इससे रा.नि. संवर्ग मे असुरक्षा की भावना बड़ रही है । आफलाईन नक्शा बंटाकन के बगैर रा.नि.. द्वारा आनलाईन नक्शा बंटाकन अनुमोदन नही किया जावेगा इस हेतु रा. नि. को प्रदत्त आई डी को संबंधित तहसीलदार को सविनय लौटाई जावेगी। 5. राजस्व निरीक्षक के रिक्त पदो पर भर्ती:- राज्य मे रा.नि. के लिए स्वीकृत पद 1072 एवं 711 पद भरे है। वर्तमान मे रा.नि. का 34% पद रिक्त है। कई जिलों के रा.नि. के उपर दुहरे एवं तिहरे सर्कल का प्रभार है। अतिरिक्त सर्कल के प्रभार में होने से रा.नि. के ऊपर मानसिक व शारीरिक बोझ बढ़ गया है। अतः रा.नि. रिक्त पदो पर



प्रभार है। अतिरिक्त सर्कल के प्रभार में होने से रा.नि. के ऊपर

मानसिक व शारीरिक बोझ बढ़ गया है। अतः रा.नि. रिक्त पदो पर अतिशीघ्र भर्ती किया जावे। अतिरिक्त सर्कल का मूल वेतन का 50 प्रतिशत भत्ता दिया जाये। ऐसा नहीं हाने की स्थिति में रा.नि. अपने अतिरिक्त प्रभार के सर्कल को छोड़ने के लिए विवश हो जावेगा । 6. सीमांकन, बंदोबस्त त्रुटि सुधार, प्रकरणों के निष्पादन के लिए पूर्व समयावधि को यथावत रखना- सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण हेतु पूर्व मे तीन माह निर्धारित था जिसे लोक सेवा गारंटी के तहत् 90 दिवस से कम कर 30 दिवस कर दिया गया जो कि अव्यवहारिक है। रा.नि. के सहयोग हेतु चैनमेन नही होने, सीमांकन सूचना कीतामिली के लिए किसी कर्मचारी का सहयोग नही मिलने, खाते में दर्ज समस्त भू खण्डों का सीमांकन हेतु आवेदन दिये जाने, एक ही भूखण्ड का एक ही आवेदक द्वारा बार बार सीमांकन कराने, नक्शा बंटाकन के बगैर आवेदन को ग्राहय करने आवेदित भू खण्डो की चतुर सीमा की जानकारी नही देने से निर्धारित समय में सीमांकन के प्रकरणों का निर्धारित समय में निराकरण करना रा.नि. के लिए दुरूह है।

सीमांकन जैसे कार्यों के संपादन में रा.नि. के ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव को कम करने के लिए निम्न विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है-

1. एक आवेदक की धारित एक भू खण्ड का सीमांकन संपदादन उपरांत आवश्यकतानुसार आगामी तीन वर्षों के बाद किया जावे इस हेतु संबंधित ख०नं० के कैफियत कॉलम में पूर्व पारित सीमांकन आदेश व दिनांक की प्रविष्टि किया जाये।

2. आवेदक की धारित 2 भू खण्डो या पैसे भूखण्ड जिसकी सीमायें आपस मे लगी हो, को ग्राहृय किया जावे।

3. सीमांकन कार्य के संपादन के लिए निर्धारित 30 दिवस अव्यवहारिक होने के कारण समय सीमा में गुणवत्ता पूर्वक निराकरण नही हो पायेगा। सीमांकन हेतु नव निर्धारित 30 दिवस को शासन उचित मानती है तो निवेदन है रा.नि. के कार्य दिवस के



3. सीमांकन कार्य के संपादन के लिए निर्धारित 30 दिवस अव्यवहारिक होने के कारण समय सीमा में गुणवत्ता पूर्वक

निराकरण नही हो पायेगा। सीमांकन हेतु नव निर्धारित 30 दिवस को शासन उचित मानती है तो निवेदन है रा.नि. के कार्य दिवस के आधार पर प्रतिदिन संपादित किये जाने वाले सीमांकन प्रकरणों की संख्या को भी निर्धारित कर दी जावे ।

4. बंदोबस्त त्रुटि सुधार के प्रकरण में अनेक प्रकार की विविधता एवं जटिलता होने के कारण 15 दिवस में विधि सम्मत निराकरण किये जाने में असुविधा होगी अतः इस हेतु पूर्व निर्धारित समय सीमा को विधि मान्य करने संगठन निवेदन करता है।

माननीय महोदय से निवेदन है कि शासकीय कार्यों के निर्वहन हेतु साधन संसाधन एवं नेट भत्ता उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे। दिनांक 18.08.2025 तक साधन संसाधन व नेट भत्ता उपलब्ध नही करायें जाने पर दिनांक 18.08.2025 से छ.ग. राजस्व निरीक्षक संघ आनलाईन शासकीय कार्यों का निर्वहन नही करेगा तथा उपरोक्त अन्य मांगों पर त्वरित निराकरण नही किये जाने की स्थिति में

राजस्व निरीक्षक संगठन आगामी दिनों में आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेगा।

Ad Code

Responsive Advertisement