रबी में दलहन तिलहन फसलों को बढ़ावा किसानों को उन्नत प्रजातियों अपनाने का आह्वान
गरियाबंद / प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त के अंतर्गत किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किए जाने के उपलक्ष्य में कृषि विज्ञान केंद्र, गरियाबंद में 19 नवम्बर को जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोयम्बटूर, तमिलनाडु में आयोजित दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती सम्मेलन के शुभारंभ के साथ किसान सम्मान निधि हस्तांतरण कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा गया, जिसमें देशभर के 9 करोड़ किसानों को 2,000 रुपये की राशि उनके बैंक खातों में भेजी गई। जिले में आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत गरियाबंद की उपाध्यक्ष श्रीमती लालिमा ठाकुर रहीं। इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. मनीष चौरसिया ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की यह किस्त रबी फसल की तैयारी में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोग साबित होगी। मुख्य अतिथि ठाकुर ने योजना को रेखांकित करते हुए कहा कि यह योजना किसानों के आर्थिक सहायता हेतु एक नींव का पत्थर साबित हो रही है व कृषको को रबी सीजन में धान के बदले दलहन व तिलहन फसल लगाने के लिए प्रेरित करें। जिससे फसल चक्रण को बढ़ावा मिले एवं जलसंरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो। किसानों के आर्थिक संबल का आधार बताते हुए कृषकों से धान के स्थान पर दलहन एवं तिलहन जैसी वैकल्पिक फसलों को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि फसल चक्र परिवर्तन से जल संरक्षण में मदद मिलेगी और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप संचालक श्री चन्दन रॉय ने कृषकों को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों तुषार मिश्रा, मनीष कुमार आर्या, डॉ. शालू अब्राहम एवं प्रवीण कुमार जामरे ने क्रमशः फसलों की उन्नत प्रजातियों, कीट एवं रोग नियंत्रण, मिट्टी पोषण प्रबंधन, प्राकृतिक खेती के अवयवों की तैयारी तथा रबी फसल हेतु उन्नत कृषि यंत्रों की उपयोगिता पर तकनीकी जानकारी दी। जीवामृत, घनजीवामृत निर्माण एवं पैरा प्रबंधन का सजीव प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही इस कार्यक्रम में लोक आस्था संस्थान गरियाबंद की श्रीमती लता नेताम सहित छुरा ब्लाक के कृषको सहित आसरा, बोडराबंधा, पोंड, जेंजरा, एवं कोकड़ी व अन्य ग्रामों के लगभग 350 कृषक सम्मिलित हुए।
